चंद्रगिरी किले की कहानी एवं वास्तुकला, चंद्रगिरी किला का इतिहास, चंद्रगिरी किला आंध्र प्रदेश, Story and Architecture of Chandragiri Fort, History of Chandragiri Fort, Chandragiri Fort, Andhra Pradesh

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चंद्रगिरी किले की कहानी: इतिहास और महत्व Chandragiri Fort in Andhra Pradesh 



चंद्रगिरी किले का सारांश, Summary of Chandragiri Fort


"चंद्रगिरी किला, जो भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के चित्तूर जिले में स्थित है, यह भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह किला विजयनगर साम्राज्य के गौरवशाली साम्राज्य का प्रतीक है और इसकी वास्तुकला आज भी पर्यटकों को आकर्षित करती है। चंद्रगिरी किला का निर्माण 11वीं शताब्दी में यादव राजा इम्मादी नरसिंह यादव द्वारा किया गया था।"



    इतिहास: चंद्रगिरी किला आंध्र प्रदेश, History: Chandragiri Fort Andhra Pradesh


    1. शुरुआती निर्माण कराने वाले राजा



    चंद्रगिरी किले का निर्माण 11वीं शताब्दी में यादव राजा इम्मादी नरसिंह यादव द्वारा किया गया था।
    दुश्मनों पर नजर रखने के लिए इस किले का निर्माण पहाड़ी की चोटी पर कराया गया था।
    किले के चारों तरफ का क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य और घने जंगलों से घिरा हुआ है।

    2. चंद्रगिरी किला विजयनगर साम्राज्य के अंतर्गत:

    • 14वीं शताब्दी तथा सन 1367 ई० में यह किला विजयनगर साम्राज्य के नियंत्रण में आ गया था।
    • राजा वेंकटपतिराय ने 16वीं शताब्दी में, इसे अपनी राजधानी बनाया।
    • राजधानी बनने के दौरान किले का पुनर्निर्माण हुआ और इसे शानदार वास्तुकला का नमूना बनाया गया।
    • 1565 ई० में तालिकोटा की लड़ाई के बाद, विजयनगर साम्राज्य का पतन होने लगा था लेकिन किला साम्राज्य का महत्वपूर्ण गढ़ बन गया।
    • चंद्रगिरी किला विजयनगर साम्राज्य की चौथी राजधानी के रूप में कार्य कर रहा था।

    चंद्रगिरी का राजा सन् 1639 ई० में, The king of Chandragiri in 1639 A.D.


    1639 ई० में चंद्रागिरी का राजा वेंकटपति राय(वेंकट द्वितीय) थे। वे विजयनगर साम्राज्य के चौथे वंश, अरविंदु वंश से सबंध रखते थे। हालांकि, इस समय साम्राज्य का पतन प्रारभ हो गया था।

    • सन 1639 में चंद्रागिरी, विजयनगर साम्राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि इस समय ईस्ट इंडिंया कंपनी ने राजा से एक महवपूर्ण समझौता किया।
    • 22 अगस्त सन 1639 मे कंपनी और राजा के वेंकटपति राय के बीच समझौता हुआ कि मद्रासपट्टनम (वर्तमान चेन्नई) तथा बसावट मे कंपनी व्यापारिक कोठी खोलकर व्यापार कर सकती है

    किले का पतन और अन्य शासन,Decline of the fort and other reigns

    • विजयनगर साम्राज्य के पतन के बाद, सन 1646 ई० यह किला गोलकोंडा के निजाम के अधीन चला गया।
    • निजाम के बाद इस पर हैदर अली ,मराठों और ब्रिटिशों का अधिकार होता गया।
    • ब्रिटिश शासन के दौरान यह किला एक प्रशासनिक केंद्र के रूप में कार्य करता था।

    चंद्रगिरी किले की वास्तुकला,Architecture of Chandragiri Fort

       1. चंद्रगिरी किला इंडो-सरसोनिक वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है।

    • राजामहल: किले के अंदर स्थित राजमहल एक भव्य इमारत है, जो अब संग्रहालय में परिवर्तित हो चुकी है।
    • रानी महल: राजा महल के बगल मे स्थित, यह दो मंजिला इमारत है तथा पहली मंजिल पर आवासीय स्थान तथा भूतल पर अस्तबल मौजूद था।
    • द्वार: किले के विशाल प्रवेश द्वार पर बहुत ही सुन्दर नक्काशी की गई है।
    • अंदरूनी संरचनाएँ: किले के अंदरूनी हिस्सों में जलाशय, मंदिर, और अन्य संरचनाएँ मौजूद हैं।
    • क्षेत्रफल: यह किला लगभग 25 एकड़ में फैला हुआ है तथा दो भागों में बटा हुआ है निचला किला एवं ऊपरी किला।
    • सैन्य गढ़: यह किला न केवल सैन्य गढ़ के रूप में कार्य करता था बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था।

    चंद्रगिरी किले मे सीढ़ियाँ,Stairs in Chandragiri Fort


    चंद्रगिरी किले मे कुल 1000 से अधिक सीढ़ियाँ है। यह सीढ़ियाँ चंद्रगिरी किले के मुख्य द्वार से शुरू होकर किले की चोंटी तक पहुचती है।

    सीढ़ियों का महत्व और डिजाइन

    चंद्रगिरी किले की सीढ़ियाँ न केवल पहाड़ी की चोटी तक पहुँचने का साधन हैं, बल्कि ये विजयनगर साम्राज्य की वास्तुकला और इंजीनियरिंग का ज्ञान अद्भुत उदाहरण हैं।

    • सुरक्षा: सीढ़ियों का घुमावदार रास्ता दुश्मनों को रोकने और किले की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से बनाया गया था।
    • निर्माण: पत्थर की इन सीढ़ियों को इस तरह बनाया गया है कि वे सदियों से बिना किसी नुकसान के स्थिर बनी हुई हैं।
    • चढ़ाई: सीढ़ियों को इस प्रकार बनाया गया है कि लंबी चढ़ाई के दौरान यात्रियों को आराम के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।

    पर्यटन स्थल,Tourist Spots

    वर्तमान में चंद्रगिरी किला आंध्र प्रदेश एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
    • संग्रहालय: राजामहल को एक संग्रहालय में बदल दिया गया है। जहाँ विजयनगर साम्राज्य से जुड़ी अनेक मूर्तियाँ, हथियार, और कलाकृतियाँ संग्रहालय में रखी हुई है।
    • तिरुपति मंदिर के निकटता: तिरुपति बालाजी मंदिर से लगभग 12 किमी की दूरी पर स्थित यह किला तीर्थयात्रियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।

    चंद्रगिरी किले से जुड़े कुछ रोचक जानकारी,Some interesting information related to Chandragiri Fort

    • चंद्रगिरी किला लगभग 183 मीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है।
    • किले में हिंदू और इस्लामी वास्तुकला का अद्भुत जुड़ाव देखा जा सकता है।
    • चंद्रगिरी किले की जानकारी कई ऐतिहासिक दस्तावेजों और शिलालेखों में मिलती है।


    चंद्रगिरी किले की यात्रा कैसे करें? How to visit Chandragiri Fort?


    1. हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा तिरुपति एयरपोर्ट है, जो किले से लगभग 15 किमी दूर है।

    2. रेल मार्ग: तिरुपति रेलवे स्टेशन से किला आसानी से पहुँचा जा सकता है।

    3. सड़क मार्ग: चित्तूर और तिरुपति से नियमित बसें और टैक्सियाँ उपलब्ध हैं।


    FAQs: 

    1. चंद्रगिरी किला किसने बनवाया था?

    चंद्रगिरी किले का निर्माण 11वीं शताब्दी में यादव राजा इम्मादी नरसिंह यादव द्वारा किया गया था


    2. चंद्रगिरी किले का प्रमुख आकर्षण क्या है?


    किले का राजमहल, संग्रहालय, और  चारों तरफ का वातावरण प्रमुख आकर्षण का केंद्र हैं।

    3. क्या चंद्रगिरी किला परिवार के साथ घूमने के लिए सुरक्षित है?


    हाँ, यह किला परिवार और बच्चों के लिए सुरक्षित और आकर्षक स्थल है।

    4. किले के अंदर क्या सुविधाएँ उपलब्ध हैं?


    किले के अंदर संग्रहालय, गाइड सुविधा, और जलपान के लिए छोटे कियोस्क उपलब्ध हैं।

    5. चंद्रगिरी किला तिरुपति से कितनी दूर है?


    चंद्रगिरी किला तिरुपति से लगभग 12 किमी की दूरी पर स्थित है।

    6. क्या चंद्रगिरी किला रात में खुला रहता है?


    नहीं, किला केवल दिन के समय पर्यटकों के लिए खुला रहता है।


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